पाक की 'झूठ की फैक्ट्री' का पर्दाफाश, फर्जी वीडियो से लोगों को कर रहा था गुमराह; ऐसे हुआ बेनकाब
बुधवार को, भारतीय सशस्त्र बलों के ऑपरेशन सिंदूर लॉन्च करने के बाद पाकिस्तान की तरफ से जैसे सोशल मीडिया पर फर्जी खबरों की बाढ़ सी आ गई. इसमें पाकिस्तानी मीडिया हाउस और संबंधित हैंडल शामिल रहे, जिन्होंने सोशल प्लेटफॉर्म पर, खासकर एक्स पर, असत्यापित और झूठी कहानियां गढ़ीं. स्वतंत्र विश्लेषकों और भारत के आधिकारिक तथ्य-जांच निकायों ने इनमें से कई दावों को तुरंत निराधार बताया.
सबसे व्यापक रूप से प्रसारित झूठे दावों में से एक में आरोप लगाया गया कि पाकिस्तान ने अमृतसर में एक भारतीय सैन्य अड्डे पर बमबारी की थी. इस दावे का समर्थन करने के लिए इस्तेमाल किया गया वीडियो, जिसमें आसमान में आग की लपटें दिखाई दे रही थीं, को सिरे से खारिज कर दिया गया.
'ऑपरेशन सिंदूर' के तहत भारत की सफल एयर स्ट्राइक से पाकिस्तानी (Pakistan Airstrike) इस कदर बौखलाया हुआ है कि सोशल मीडिया पर गलत वीडियो शेयर कर लोगों को बरगलाने की कोशिश कर रहा है. पाक सरकार से जुड़े कई मीडिया आउटलेट और सोशल मीडिया अकाउंट्स भ्रामक और मनगढ़ंत कंटेंट प्रसारित (Pakistan Fake Video Content In Social Media) करते हुए बेनकाब किए गए हैं. ये लोग ऑपरेशन सिंदूर से जुड़े तथ्यों को गलत ढंग से पेश करने के साथ ही भ्रामक और मनगढ़ंत कंटेंट प्रसारित कर रहे थे.
बुधवार को, भारतीय सशस्त्र बलों के ऑपरेशन सिंदूर लॉन्च करने के बाद पाकिस्तान की तरफ से जैसे सोशल मीडिया पर फर्जी खबरों की बाढ़ सी आ गई. इसमें पाकिस्तानी मीडिया हाउस और संबंधित हैंडल शामिल रहे, जिन्होंने सोशल प्लेटफॉर्म पर, खासकर एक्स पर, असत्यापित और झूठी कहानियां गढ़ीं. स्वतंत्र विश्लेषकों और भारत के आधिकारिक तथ्य-जांच निकायों ने इनमें से कई दावों को तुरंत निराधार बताया.
सबसे व्यापक रूप से प्रसारित झूठे दावों में से एक में आरोप लगाया गया कि पाकिस्तान ने अमृतसर में एक भारतीय सैन्य अड्डे पर बमबारी की थी. इस दावे का समर्थन करने के लिए इस्तेमाल किया गया वीडियो, जिसमें आसमान में आग की लपटें दिखाई दे रही थीं, को सिरे से खारिज कर दिया गया.
फैक्ट चेक में खुल गई पाकिस्तान की पोल
फैक्ट चेक में पता चला कि फुटेज 2024 में चिली के वालपाराइसो में लगी एक जंगल की आग से लिया गया था. इस प्राकृतिक आपदा का भारत या पाकिस्तान में किसी भी सैन्य कार्रवाई से कोई संबंध नहीं था.
प्रेस सूचना ब्यूरो के फैक्ट जांच प्रभाग ने गलत सूचना को तुरंत संबोधित करते हुए कहा: 'पाकिस्तान प्रोपेगैंडा अलर्ट! पाकिस्तान के हैंडल अमृतसर में एक सैन्य अड्डे पर हमले का झूठा आरोप लगाते हुए पुराना वीडियो सर्कुलेट कर रहा है. शेयर किया जा रहा वीडियो 2024 में जंगल की आग का है. असत्यापित जानकारी साझा करने से बचें और सटीक जानकारी के लिए केवल भारत सरकार के आधिकारिक स्रोतों पर भरोसा करें.'
इन स्पष्टीकरणों के बावजूद, इसी तरह की सामग्री फैलाने में पाकिस्तानी इंटर-सर्विसेज पब्लिक रिलेशंस (आईएसपीआर) के कई अकाउंट भी शामिल हैं. पाकिस्तानी के विभिन्न सोर्सेस से साझा की गई कई तस्वीरें और वीडियो या तो डिजिटल रूप से बदली गई थीं या फिर किसी और ही घटना से ली गई थीं, जो सालों पुरानी थीं. एनालिस्ट्स ने नोट किया कि प्रभावशाली राजनीतिक हस्तियां भी इसमें शामिल हो गईं, अनर्गल सामग्री साझा की और जवाबी हमलों के निराधार दावे किए.
विश्लेषकों ने इसे भारत के ऑपरेशन के बाद जनता की धारणा को फिर से आकार देने के लिए पाकिस्तान की सूचना मशीनरी द्वारा एक ठोस प्रयास के रूप में वर्णित किया है. गलत सूचनाओं के प्रवाह पर नजर रखने वाले विशेषज्ञों के अनुसार, पुराने युद्ध फुटेज और फिर से इस्तेमाल किए गए आपदा वीडियो जैसी हेरफेर की गई सामग्री का उपयोग, भारत के खिलाफ मनोवैज्ञानिक कहानी गढ़ने की पाकिस्तान की पुरानी रिवायत का हिस्सा है.
गलत सूचनाओं की बाढ़ के जवाब में, भारत सरकार ने जनता और प्रेस से आधिकारिक स्रोतों से सत्यापित अपडेट पर विशेष रूप से भरोसा करने का आह्वान दोहराया. अधिकारियों ने लोगों से असत्यापित या फर्जी खबरों के सर्कुलेशन के खतरों के प्रति सचेत रहने की अपील की है.
इनपुट- IANS के साथ