Latest News

News

2000 ड्रोन से जगमगाएगा भोपाल का आसमान:

भोपाल 3 नवम्बर :  मध्यप्रदेश स्थापना दिवस समारोह 'अभ्युदय मध्यप्रदेश' का तीसरा और अंतिम दिन आज राजधानी भोपाल में सांस्कृतिक उल्लास और तकनीकी भव्यता का संगम पेश करेगा। लाल परेड ग्राउंड में सोमवार शाम को सुप्रसिद्ध सिंगर स्नेहा शंकर अपनी सुरीली प्रस्तुतियों से दर्शकों को मंत्रमुग्ध करेंगी, वहीं 2000 ड्रोन का शो एक बार फिर भोपाल के आसमान को रोशन करेगा। इस ड्रोन शो को विशेष रूप से दोबारा आयोजित किया जा रहा है। 

राज्य सरकार की पहल पर “अभ्युदय मध्यप्रदेश 2047” की थीम पर होने वाले इस भव्य ड्रोन शो में 2000 ड्रोन समन्वित रूप से आकाश में मध्यप्रदेश की गौरवशाली विरासत, संस्कृति और विकास यात्रा को जीवंत करेंगे। यह शो “कन्सेप्ट कम्युनिकेशन्स लिमिटेड” द्वारा तैयार किया गया है और सेंट्रल इंडिया के वाइस प्रेसिडेंट अर्पित गोयल के निर्देशन में आयोजित हो रहा है।

15 मिनट के इस शो में मध्यप्रदेश की उपलब्धियों और नवाचारों को 3D फॉर्मेशन के रूप में दिखाया जाएगा। जैसे भारत का मानचित्र, मध्यप्रदेश के जिले, महाकाल मंदिर, सिंहस्थ-2028, छलांग लगाता बाघ, उद्योग और इन्वेस्ट एमपी का लोगो, कृषि दृश्य, हाईवे, मेट्रो, हवाई जहाज के प्रतीक और अंत में “जय जवान, जय किसान, जय विज्ञान, जय अनुसंधान” का दृश्य।

शाम 6:30 बजे से शुरू होने वाले सांस्कृतिक कार्यक्रम की शुरुआत महानाट्य सम्राट विक्रमादित्य की भव्य प्रस्तुति से होगी। इसके बाद मंच पर आएंगी बॉलीवुड की लोकप्रिय गायिका स्नेहा शंकर, जो अपनी मधुर आवाज और ऊर्जावान प्रस्तुतियों के लिए जानी जाती हैं।

स्नेहा शंकर “चांद के टुकड़े”, “मेरा महबूब”, “हकूना मटाटा” जैसे गानों से दर्शकों को झूमने पर मजबूर करेंगी। उनकी प्रस्तुति के दौरान लाल परेड ग्राउंड में संगीत, रोशनी और संस्कृति का अद्भुत संगम देखने को मिलेगा।

तीसरे दिन भी महानाट्य “सम्राट विक्रमादित्य” का मंचन मुख्य आकर्षण रहेगा। उज्जैन की संस्था विशाला सांस्कृतिक एवं लोकहित समिति द्वारा प्रस्तुत इस महानाट्य का निर्देशन संजीव मालवीय कर रहे हैं। 150 कलाकारों के दल और 50 तकनीकी सहयोगियों के साथ प्रस्तुत किए जा रहे इस नाट्य में अश्व, रथ, पालकी, ऊंट और एलईडी ग्राफिक्स का प्रयोग कर इसे जीवंत बनाया गया है।

यह नाट्य सम्राट विक्रमादित्य के जन्म से लेकर उनके वीरतापूर्ण अभियानों तक की कहानी दर्शाएगा। वह दौर जब विक्रमादित्य ने शकों और यवनों से भारत को मुक्त कराया था और न्याय, कला, साहित्य व जनकल्याण की नींव रखी थी।

लाल परेड ग्राउंड में दोपहर 12 बजे से रात्रि 10 बजे तक प्रदर्शनियां, शिल्प मेला और व्यंजन मेला आम नागरिकों के लिए खुले रहेंगे। ‘विकसित मध्यप्रदेश 2047’, ‘विक्रमादित्य और अयोध्या’, ‘मध्यप्रदेश के मंदिर’, ‘भारत विक्रम’ जैसी प्रदर्शनियां प्रदेश के गौरवशाली इतिहास और संस्कृति को प्रदर्शित करेंगी।

‘एक जिला–एक उत्पाद’ योजना के तहत शिल्प मेला में चंदेरी साड़ी, बुरहानपुर के केले से बने उत्पाद, मुरैना की गजक, रायसेन का बासमती चावल जैसे उत्पाद प्रदर्शित होंगे। वहीं व्यंजन मेले में बुंदेली, बघेली, मालवा, निमाड़, चंबल और जनजातीय व्यंजनों का स्वाद प्रदेशवासी ले सकेंगे। इसके अलावा दोपहर 3 बजे से जनजातीय एवं लोक नृत्य प्रस्तुतियां होंगी। जिनमें करमा, परधौनी, भगोरिया, बधाई, गणगौर, और अहिराई जैसे पारंपरिक नृत्य शामिल हैं।

ख़बर दैनिक भास्कर के आधार पर। 

BJ-2589 2025-11-03 13:43:19 भोपाल
  • 2000 ड्रोन से जगमगाएगा भोपाल का आसमान:

Related Post