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रेत माफियाओं के आगे प्रशासन बेबस! खनिज विभाग की कार्रवाई पर ग्रामीणों ने बनाया दबाव, तहसीलदार ने भी हाथ खड़े किए सोशल मीडिया पर वायरल ऑडियो का वना चर्चा का विषय।

रेत माफियाओं के आगे प्रशासन बेबस! खनिज विभाग की कार्रवाई पर ग्रामीणों ने बनाया दबाव, तहसीलदार ने भी हाथ खड़े किए

नसरुल्लागंज में खुलेआम चल रहा अवैध रेत खनन, कार्रवाई करने पहुंची टीम को बैरंग लौटना पड़ा

सीहोर/नसरुल्लागंज: नर्मदा नदी से अवैध रेत खनन के खिलाफ प्रशासन द्वारा कार्रवाई के दावे लगातार किए जाते हैं, लेकिन हकीकत कुछ और ही बयां कर रही है। नसरुल्लागंज तहसील के छिदगांव काछी में खनिज विभाग की टीम जब अवैध रेत खनन पर कार्रवाई करने पहुंची, तो ग्रामीणों और रेत माफियाओं ने मिलकर ऐसा दबाव बनाया कि टीम को वापस लौटना पड़ा।

खनिज विभाग की टीम को देखकर माफिया नदी में चल रही पनडुब्बी मशीन लेकर भाग गए, लेकिन नर्मदा से लगे गावं मे खड़ी एक और पनडुब्बी मशीन खनिज विभाग की नजर में आ गई। टीम ने जब इसे ज़ब्त करने की कार्रवाई शुरू की, तो ग्रामीणों ने विरोध शुरु कर दिया। मामला तूल पकड़ता देख तहसीलदार भी मौके पर पहुंचे, लेकिन उन्होंने भी खनिज अधिकारी की कार्रवाई को गलत ठहराते हुए मशीन को वहीं छोड़ने का निर्देश दिया।

खनिज अधिकारी बनाम तहसीलदार: प्रशासनिक मतभेद उजागर

खनिज अधिकारी खुशबू वर्मा का कहना था कि नर्मदा नदी से लगे गावं खड़ी पनडुब्बी मशीन संदेह के घेरे में है। शासन के स्पष्ट निर्देश हैं कि ऐसी मशीनों को तुरंत ज़ब्त किया जाए, क्योंकि यह अवैध रेत खनन में इस्तेमाल होती हैं। दूसरी ओर, ग्रामीणों का दावा था कि यह मशीन एक निजी खेत में लंबे समय से खड़ी है और इसका रेत खनन से कोई संबंध नहीं है।

स्थिति बिगड़ती देख तहसीलदार मौके पर पहुंचे, लेकिन उन्होंने खनिज विभाग की कार्रवाई को ही गलत ठहराते हुए मशीन को वहीं छोड़ने का आदेश दे दिया। इसके बाद खनिज विभाग की टीम को बैरंग लौटना पड़ा।

वायरल ऑडियो से बड़ा खुलासा

कार्रवाई रोकने के कुछ ही देर बाद सोशल मीडिया पर एक ऑडियो वायरल हुआ, जिसमें कथित रूप से रेत माफिया अपने साथियों से कहते सुने गए कि "हमारी एकजुटता की वजह से खनिज विभाग की टीम को वापस लौटना पड़ा यदि यही एक जुटता रही तो कोई भी अधिकारी हमारा कुछ नही बिगाड़ पाएगा ।" यह ऑडियो प्रशासन की निष्पक्षता पर गंभीर सवाल खड़े करता है।

प्रशासन की कार्यवाही पर उठे सवाल

पनडुब्बी मशीन वहां क्यों थी ? – अगर मशीन निष्क्रिय थी, तो फिर वह नदी से लगे गावं मे क्यों खड़ी थी?

खनिज अधिकारी की कार्रवाई सही थी या तहसीलदार का फैसला? – जब शासन के स्पष्ट आदेश हैं कि ऐसी मशीनों को ज़ब्त किया जाए, तो तहसीलदार ने कार्रवाई रोकने का निर्णय क्यों

BJ-2589 2025-03-01 11:39:33 none
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  • रेत माफियाओं के आगे प्रशासन बेबस! खनिज विभाग की कार्रवाई पर ग्रामीणों ने बनाया दबाव, तहसीलदार ने भी हाथ खड़े किए सोशल मीडिया पर वायरल ऑडियो का वना चर्चा का विषय।

  • पत्रकारो पर दर्ज हुई FIR मे पुलिस अधिक्षक ने दिये जांच के आदेश।

  • सिविल अस्पताल नसरुल्लागंज में पंजीयन के नाम पर स्टाफ करता है मरीजों के साथ अभद्रता ।।

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