सिंधी समाज उत्थान पंचायत विजयनगर द्वारा शहीदों को श्रद्धांजलि, कैंडल मार्च निकालकर पाकिस्तान के खिलाफ प्रदर्शन
भोपाल।। सिंधी समाज उत्थान पंचायत, विजय नगर, लालघाटी, भोपाल द्वारा पहलगाम (जम्मू-कश्मीर) में हुई निर्दोष नागरिकों की सामूहिक हत्या के विरोध में गहन श्रद्धांजलि सभा एवं कैंडल मार्च का आयोजन किया गया। इस अवसर पर नगर के विभिन्न क्षेत्रों विजयनगर, ओमनगर, सावननगर तथा वल्लभनगर से बड़ी संख्या में समाज की माताओं, बहनों और भाइयों ने सहभागिता की।
कार्यक्रम की शुरुआत गंगा सेवा धाम दरबार परिसर में हरि नाम संकीर्तन के साथ हुई, जहाँ उपस्थित जनसमूह ने सामूहिक भजन-कीर्तन करते हुए देश के लिए बलिदान हुए शहीदों की आत्मा की शांति और सद्गति के लिए प्रार्थना की। श्रद्धांजलि सभा में गमगीन वातावरण के बीच सभी ने मोमबत्तियाँ जलाकर दिवंगत आत्माओं को नमन किया।
सभा के पश्चात सभी नागरिकों ने हाथों में मोमबत्तियाँ लेकर एक संगठित कैंडल मार्च निकाला। मार्च के दौरान पाकिस्तान के विरुद्ध जोरदार "पाकिस्तान मुर्दाबाद" के नारे लगाते हुए जनता ने आक्रोश प्रकट किया और आतंकवाद के खिलाफ एकजुटता दिखाई। मातृशक्ति ने भी अपनी वीरता का परिचय देते हुए कहा कि यदि देश सेवा का अवसर मिले तो वे भी पाकिस्तान से मुकाबला करने के लिए पूर्णतः तैयार हैं।
इस विरोध प्रदर्शन और श्रद्धांजलि सभा में पंचायत के वरिष्ठ पदाधिकारी श्री रमेश भंबानी, श्री कैलाश शर्मा, श्री अशोक टिलवानी, श्री वासुदेव जेठानी और श्री ओ.पी. पाहुजा ने प्रमुख भूमिका निभाई। सैकड़ों महिलाओं और पुरुषों की भागीदारी ने कार्यक्रम को ऐतिहासिक बना दिया। पंचायत के सलाहकार श्री हीरानंद गनवानी ने आयोजन की समस्त जानकारी साझा करते हुए बताया कि सिंधी समाज का यह प्रदर्शन शहीदों के सम्मान और देशभक्ति की भावना को समर्पित था।
कैंडल मार्च के दौरान देशभक्ति गीतों ने वातावरण को भावुक कर दिया। हर तरफ "भारत माता की जय" और "वीरों अमर रहो" के उद्घोष गूंजते रहे। आयोजन ने स्पष्ट संदेश दिया कि पूरा समाज आतंकवाद के खिलाफ एकजुट है और देश की रक्षा के लिए हर बलिदान को तैयार है।
नर्मदापुरम मे बड़ी कार्रवाई तो सीहोर जिले में कीमती सागोंन को लगाई आग
मध्यप्रदेश के दो पड़ोसी जिलों – नर्मदापुरम और सीहोर – में सागौन की अवैध कटाई और तस्करी को लेकर वन विभाग की कार्रवाई में ज़मीन-आसमान का फर्क दिखाई दे रहा है। एक ओर नर्मदापुरम में सख्त कदम उठाए जा रहे हैं, वहीं दूसरी ओर सीहोर में सरेआम सागौन जलाने जैसी घटनाओं पर विभागीय चुप्पी भ्रष्टाचार की बू दे रही है।
नर्मदापुरम सख्त कार्रवाई की मिसाल
वन परिक्षेत्र बनापुरा की बोरकुंडा बीट से अवैध रूप से काटे गए सागौन के लठ्ठों को पिकअप वाहन से ले जाया जा रहा था। नंदरवाड़ा नाके के पास टायर पंचर हो जाने से लकड़ियाँ वहीं छोड़ दी गईं और आरोपी फरार हो गए।
इस पर नर्मदापुरम के वरिष्ठ अधिकारियो के नेतृत्व में विशेष टीम बनाई गई। टीम ने तकनीकी साक्ष्यों और निगरानी के जरिए 15 आरोपियों को अलग-अलग स्थानों से गिरफ्तार कर न्यायालय में पेश किया।साथ ही, पिकअप वाहन को जब्त कर राजसात करने की प्रक्रिया प्रारंभ कर दी गई है।सीहोर वन माफियाओं की बेलगाम तस्करी और आगजनी
नर्मदापुरम की कार्रवाई से बौखलाए सीहोर जिले के भैरूदां क्षेत्र के एक कुख्यात वन माफिया ने अपने पिकअप में लाए सागौन के कीमती लठ्ठों को खेतों में ले जाकर आग के हवाले कर दिया। यह घटना कैमरे में कैद हुई और सोशल मीडिया पर वायरल हो गई।
लेकिन हैरानी की बात यह है कि सीहोर वन विभाग ने अब तक इस घटना पर कोई संज्ञान नहीं लिया है। इस चुप्पी के पीछे विभागीय मिलीभगत के आरोप लग रहे हैं।सूत्रों का खुलासा विभाग और माफिया की साठगांठ?
गोपनीय सूत्रों का दावा है कि सीहोर जिले के कुछ वन अधिकारी और कर्मचारी एक विशेष वन माफिया के साथ आर्थिक संबंध में हैं।
रात के समय लाड़कुई वन परिक्षेत्र से लकड़ी लादकर भैरूदां भेजी जाती है
पूर्व मे एक अधिकारी को इस गतिविधि की शिकायत दी गई थी, लेकिन उसने कार्रवाई के बजाय माफिया को सूचना देकर गोडाउन खाली करवा दिया।जिसका विडियो भी शिकायत देने वाले एवं पत्रकारो के पास सैफ है पर बड़ी बात तो यह कि जब अधिकारी को इसकी शिकायत दी थी तो वह वन माफिया तक कैसी पंहुची उसने तत्तकाल पिकप लगाकर अवैध सागोंन भरकर भाग निकला।वह विडियो भी मोजूद है।
प्रशासन की भूमिका पर सवालनर्मदापुरम वन विभाग की तत्परता को प्रशंसा मिल रही है, लेकिन सीहोर विभाग की निष्क्रियता संदेहास्पद है। सोशल मीडिया पर वायरल वीडियो के बावजूद कोई एफआईआर, छापा या पूछताछ तक नहीं हुई है।
जनता के मनमे सवालसीहोर जिले में उच्चस्तरीय जांच कराई जाए। भैरूदां के वन माफिया और अधिकारियों की कॉल डिटेल रिकॉर्ड (CDR) की जांच हो, नर्मदापुरम जैसी कार्रवाई सीहोर में भी सुनिश्चित की जाए ताकि सागौन जैसी कीमती वनसंपदा की रक्षा हो सके।
मध्यप्रदेश की वनसंपदा को बचाने के लिए सिर्फ एक जिले की मुस्तैदी काफी नहीं है। जब तक हर जिला वन विभाग पारदर्शिता और कठोरता नहीं अपनाता, तब तक जंगल तस्करों की गिरफ्त में रहेंगे। यह रिपोर्ट शासन, प्रशासन और समाज – सभी से जवाब मांगती है।
भोपाल / अंतर्राष्ट्रीय मानव अधिकार सुरक्षा संगठन के राष्ट्रीय अध्यक्ष उमेश यादव द्वारा प्रदेश अध्यक्ष अशोक सिंह की अनुशंसा पर वरिष्ठ भाजपा नेता मध्य प्रदेश शासन के कैबिनेट मंत्री दर्जा प्राप्त पूर्व अध्यक्ष मप्र राज्य सिलाई कला मंडल सुनील महेश्वरी को प्रदेश संरक्षक के पद पर नियुक्ति प्रदान की गई है। सुनील माहेश्वरी मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री माननीय डॉक्टर मोहन यादव एवं केंद्रीय कृषि मंत्री माननीय शिवराज सिंह चौहान के अत्यंत करीबी मने जाते है। आपकी नियुक्ति से अंतर्राष्ट्रीय मानव अधिकार संगठन के राष्ट्रीय और विभिन्न राज्यों के पदाधिकारी एवं अधिवक्ता गण श्रीमान न्यायाधीश गण, विभिन्न समाजसेवी संगठन,समाज जन और पार्टी कार्यकर्ताओं में खुशी के लहर छा गई है। सभी ने सुनील माहेश्वरी की नियुक्ति पर उन्हें शुभकामनाओ सहित बधाई दी है।