बुधनी उपवन मंडल अधिकारी के नेतृत्व मे बड़ी कार्रवाई, सागौन कि तस्करी में पिकअप वाहन सहित दो गिरफ्तार।।
बुधनी उपवन मंडल अधिकारी के नेतृत्व मे बड़ी कार्रवाई, सागौन कि तस्करी में पिकअप वाहन सहित दो गिरफ्तार।।
सिहोरे, बुधनी, भेरूंदा
सीहोर जिले के बुधनी वन परिक्षेत्र में शनिवार शाम को वन विभाग ने एक बड़ी कार्रवाई को अंजाम देते हुए सागौन की लकड़ियों से भरे पिकअप वाहन को जब्त किया है। यह कार्रवाई उपवन मंडल अधिकारी सुकृति ओसवाल के नेतृत्व मे एक टीम गठीत कि गई थी जिसमें वनकर्मियों ने राष्ट्रीय राजमार्ग क्रमांक 146 बी पर वर्धमान फैक्ट्री के समीप मुखबिर की सूचना पर घेराबंदी कर पिकअप वाहन (क्रमांक MP 37 ZD 9967) को रोका।
तलाशी के दौरान वाहन में कुल 27 नग सागौन की सिल्लियां पाई गईं, जिनका बाजार मूल्य लगभग ₹50,000 आंका गया है, जबकि जब्त वाहन की कीमत लगभग ₹5 लाख बताई जा रही है। वाहन में सवार दो व्यक्तियों—अंतिम राठौड़ (उम्र 27 वर्ष) एवं गौतम कहार, निवासी भेरूंदा ।—को हिरासत में लेकर पूछताछ की जा रही है। प्रारंभिक जानकारी के अनुसार, यह पिकअप सागौन की सिल्लियों को लेकर नर्मदापुरम की ओर जा रही थी। सूत्रों के मुताबिक पिकप वाहन भैरूदां के वन माफिया हरीश पंजाबी के अंडर मे चल रही थी जो मध्यप्रदेश सहीत अन्य राज्यों मे सागोंन का परिवहन करने मे उपयोग कि जाती है। लेकिन वन विभाग के अधिकारी उसे बचाने मे लगे है क्योंकि हरीश पंजाबी एवं वन परिक्षेत्र अधिकारी प्रकाश चंद उइके के करीबी संबध बताए जा रहे है। दोनो के काल डिटेल्स, सीडीआर कि जांच हो जाए तो हो सकता है बड़ा खुलासा हालाकी हम इस बात कि पुष्टी नही करते है। जब हमने वन परिक्षेेत्र अधिकारी प्रकाश चंद उइके से जानकारी लेने के लिए उनके मोबाइल नंबर पर फोन लगाया तो उन्होंने काल रिसीव नही किया।
बुधनी एवं लाड़कुई वन परिक्षेत्र में लंबे समय से सक्रिय माफियाओं द्वारा सागौन की अंधाधुंध कटाई और अवैध परिवहन की घटनाएं सामने आती रही हैं। स्थानीय सूत्रों का दावा है कि इस अवैध गतिविधि में कुछ वन अधिकारी एवं कर्मचारियों की संलिप्तता भी रही है, जिनके संरक्षण में यह धंधा फल-फूल रहा है।
चौंकाने वाली बात यह है कि हाल ही में नर्मदापुरम में हुई एक कार्रवाई के बाद भेरूंदा के सोटिया गांव में एक वन माफिया द्वारा गोडाउन के पास खेत में भारी मात्रा में सागौन की लकड़ियों को जलाया गया, लेकिन विभागीय अधिकारियों द्वारा कोई ठोस कार्रवाई नहीं की गई। पूर्व में भी लाड़कुई के वन परिक्षेत्र अधिकारी को कई बार सूचना देने के बावजूद कार्रवाई करने के बजाय माफियाओं को अलर्ट किया गया।
वन परिक्षेत्र अधिकारी प्रकाशचंद उइके, जो लाड़कुई में पहले से तैनात हैं, उन्हें अब बुधनी वन परिक्षेत्र की जिम्मेदारी भी दे दी गई है। सूत्रों के अनुसार, श्री उइके सीहोर जिले के ही निवासी हैं, और उनके वन माफियाओं से गहरे संबंध होने के भी आरोप लग रहे हैं। अगर इनकी कॉल डिटेल रिकॉर्ड (सीडीआर) की जांच की जाए, तो कई चौंकाने वाले खुलासे हो सकते हैं।
इस पूरे मामले ने सीहोर जिले में वन विभाग की कार्यप्रणाली और उसके कुछ अधिकारियों की निष्ठा पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। वन विभाग को चाहिए कि वह अपनी कार्यशैली में पारदर्शिता लाते हुए सख्त और निष्पक्ष जांच कर दोषियों पर कठोर कार्रवाई सुनिश्चित करे।