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खातेगांव को विकास की नई सौगात, विधायक आशीष शर्मा और नगर परिषद अध्यक्ष सारिका चौधरी ने किया सी.सी. रोड व नाले का लोकार्पण

आमीन मंसूरी ब्यूरो चीफ

खातेगांवः नगर के वार्ड क्रमांक 03 के निवासियों को आज एक बड़ी सौगात मिली, जब विधायक आशीष शर्मा और नगर परिषद अध्यक्ष श्रीमती सारिका चौधरी ने सीसी रोड और आरसीसी नाले का भव्य लोकार्पण किया।इस शुभ अवसर पर जनता का उत्साह देखते ही बनता था। आयोजन की खास बात यह रही कि यह लोकार्पण जनता द्वारा आयोजित किया गया, जहां हर घर पर रंगोली बनाई गई, पुष्प वर्षा कर अतिथियों का भव्य स्वागत किया गया और तुलादान कर सम्मान किया गया।कार्यक्रम के मुख्य अतिथि विधायक आशीष शर्मा थे, जबकि अध्यक्षता नगर परिषद अध्यक्ष श्रीमती सारिका चौधरी ने की। विशेष अतिथियों में भाजपा मंडल अध्यक्ष ललित गुर्जर, वार्ड पार्षद लक्ष्मी गिरी, राम सिंह यादव, ललित बिश्नोई, उमेश गुर्जर, अजय बिश्नोई, शैलेश यादव, गणेश बाबा और वीरेंद्र राजावत मौजूद रहे।
विधायक बोले – जनता से किए हर वादे को निभा रहे हैं, विकास की गंगा बहती रहेगी
अपने संबोधन में विधायक आशीष शर्मा ने कहा, "हमने जनता से सड़क निर्माण का वादा किया था और आज वह पूरा हो रहा है।" उन्होंने बताया कि इस सड़क की मांग लंबे समय से की जा रही थी, लेकिन पीडब्ल्यूडी के अधीन होने के कारण निर्माण कार्य में अड़चनें आ रही थीं। उन्होंने PWD मंत्री से विशेष बातचीत कर निर्माण कार्य को मंजूरी दिलवाई।
उन्होंने आगे कहा, "भाजपा सरकार में विकास कार्य सर्वोच्च प्राथमिकता पर हैं। हमारी सरकार जनता की समस्याओं को गंभीरता से ले रही है और आने वाले समय में खातेगांव की सभी सड़कों का कायाकल्प किया जाएगा।"नगर परिषद अध्यक्ष – खातेगांव को मिलेगा और विकास
..नगर परिषद अध्यक्ष श्रीमती सारिका चौधरी ने कहा कि, "नगर के विभिन्न वार्डों में विकास कार्य तेजी से किए जा रहे हैं। जल्द ही 8 और सड़कों का लोकार्पण किया जाएगा, जिससे नगरवासियों को और राहत मिलेगी।"
नगर परिषद अध्यक्ष प्रतिनिधि नरेंद्र चौधरी ने कहा कि विधायक आशीष शर्मा के अथक प्रयासों से इस क्षेत्र की वर्षों पुरानी समस्या का समाधान हुआ है। उन्होंने जनता को आश्वस्त किया कि आने वाले समय में और भी बड़े विकास कार्य किए जाएंगे।
जनता ने किया भव्य सम्मान, तुलादान कर आभार जताया
इस लोकार्पण समारोह में वार्डवासियों ने विधायक आशीष शर्मा, नगर परिषद अध्यक्ष सारिका चौधरी और वार्ड पार्षद लक्ष्मी गिरी का तुलादान कर भव्य सम्मान किया।
कार्यक्रम की गरिमा बढ़ाने वाले विशेष अतिथि
इस अवसर पर गायत्री परिवार के सदस्य, भागवत आचार्य कैलाश तिवारी, काशी के विद्वान अशोक उपाध्याय, सीएमओ निखलेश चिंतामण, पत्रकार बंधु और नगर निकाय के अधिकारी उपस्थित रहे।
कार्यक्रम का संचालन महामंत्री अशोक यादव ने किया और आभार समाजसेवी अनीता रावत ने व्यक्त किया।

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खातेगांव में 1.40 करोड़ की लागत से घटिया नालो का निर्माण, वार्ड पार्षद ने ठेकेदार के भुगतान पर रोक लगाने की मांग की

खातेगांव। नगर के वार्ड क्रमांक 4, 9 और 11 में 1 करोड़ 40 लाख रुपये की लागत से बनाए गए नालों की निर्माण गुणवत्ता को लेकर गंभीर सवाल खड़े हो गए हैं। जनता के टैक्स के पैसों से बना यह नाला अपनी बदहाली पर आंसू बहा रहा है। स्थानीय निवासियों ने निर्माण कार्य में घटिया सामग्री के उपयोग और लापरवाही का आरोप लगाया है, जबकि वार्ड क्रमांक 09 पार्षद रुचिका कमल कासलीवाल ने भी नगर परिषद से ठेकेदार के भुगतान पर रोक लगाने की मांग की है।बिना मजबूत आधार, घटिया निर्माण की पोल खुली..वार्डवासियों के अनुसार, नाले के निर्माण में न तो सही से बेस डाला गया और न ही उचित मात्रा में रेत और सीमेंट का उपयोग हुआ। कई जगहों पर गिट्टी और सरिया बाहर झांक रहे हैं। स्थिति इतनी खराब है कि हल्का झटका लगने पर नाले की दीवारें भरभरा कर गिर सकती हैं।सवाल यह उठता है कि जब शुरुआती दौर में ही नाला इतना कमजोर है,तो बारिश के दिनों में यह जल निकासी की जगह गंदगी का अड्डा बन जाएगा। ठेकेदार और प्रशासन की मिलीभगत का आरोप स्थानीय नागरिकों ने आशंका जताई है कि ठेकेदार और नगर परिषद के अधिकारियों की साठगांठ के चलते इस तरह के घटिया निर्माण को अंजाम दिया गया है। कई निवासियों ने संदेह जताया कि कमीशनखोरी के चलते गुणवत्ता से समझौता किया गया और जनता के पैसे की बर्बादी हुई।पार्षद ने ठेकेदार के भुगतान पर रोक लगाने की मांग की।
भाजपा वार्ड पार्षद रुचिका कमल कासलीवाल ने ठेकेदार एस.आर. कंस्ट्रक्शन द्वारा किए गए इस घटिया निर्माण कार्य की निंदा की है और नगर परिषद को ज्ञापन सौंपकर ठेकेदार के भुगतान पर रोक लगाने की मांग की है।
पार्षद प्रति निधि कमल कासलीवाल ने स्पष्ट कहा कि—
"जब तक इस नाले का सही से पुनः निर्माण नहीं किया जाता, तब तक ठेकेदार को कोई भुगतान नहीं किया जाना चाहिए। यदि नगर परिषद ने ठेकेदार को भुगतान कर दिया, तो इसकी पूरी जिम्मेदारी परिषद की होगी और इसके खिलाफ मैं आगे की रणनीति बनाऊंगा।"
जनता की मांग – उच्च स्तरीय जांच और ठेकेदार पर कार्रवाई होना चाहिए।
स्थानीय नागरिकों और पार्षदों ने इस पूरे मामले की निष्पक्ष जांच की मांग की है।
जनता चाहती है कि—घटिया निर्माण के लिए जिम्मेदार ठेकेदार पर कार्रवाई की जाना चाहिए। एवं नगर परिषद को निर्माण कार्य की पुनः गुणवत्ता जांच कराई जाना चाहिए।साथ इस ठेकेदार को भविष्य में किसी भी सरकारी ठेके से वंचित किया जाना चाहिए।
अब देखना यह होगा कि प्रशासन इस गंभीर मुद्दे पर क्या कार्रवाई करता है या फिर यह मामला भी फाइलों में दबकर रह जाएगा।

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भैरूंदा पुलिस थाना द्वारा कृषि उपज मण्डी भैरूंदा मे इलेक्ट्रानिक तौल कांटा में चिप लगाकर धोखाधड़ी करने वाली गैंग का किया पर्दाफाश


घटना मे शामिल पांच आरोपी गिरफ्तार 
आरोपीगण वजन कम ज्यादा कर धोखाधडी कर कमा रहे थे मुनाफा
आरोपियों के कब्जे से आरएफ चिप, रिमोट सहित अन्य गैजेट किए गए जप्त 
घटना मे प्रयुक्त दो चार पहिया वाहन एवं सोयाबीन कुल कीमत करीबन 17 लाख का मशरूका जप्त

दिनांक 01.03.2025 को फरियादी सचिव कृषि उपज मण्डी विलियम जार्ज पिता स्व श्री बेंजामिन जार्ज उम्र 56 वर्ष निवासी शास्त्री काँलोनी भैरूंदा व्दारा एक लिखित आवेदन पत्र प्रस्तुत किया गया कि अनाज मण्डी में स्थापित बङा इलेक्ट्रानिक तौल कांटा में कुछ अज्ञात व्यक्तियों द्वारा रात्रि मे मण्डी मे घुसकर डिवाइस लगाकर इलेक्ट्रानिक तौल कांटे से छेङछाङ कर अनाज तौल में छेङछाङ कर धोखाधड़ी की गयी है। फरियादी की रिपोर्ट पर थाने पर अपराध क्रमांक 110/25  धारा 318 (4), 331 (4), 3(5) बीएनएस का पंजीबध्द किया गया।

प्रकरण की गंभीरता को देखते हुए सीहोर पुलिस अधीक्षक श्री दीपक कुमार शुक्ला द्वारा अनाज मण्डी मे स्थापित बडे तौल कांटे मे छेङछाङ कर धोखाधडी करने वाले अज्ञात आरोपीगण की पहचान कर उनके खिलाफ कठोर कार्य़वाही करने के निर्देश दिए गए। निर्देशो के पालन में अति.पुलिस अधीक्षक श्री गीतेश गर्ग व एसडीओपी श्री दीपक कपूर के मार्गदर्शन में थाना प्रभारी भैरूंदा घनश्याम दांगी द्वारा एक टीम गठित की गई थी। गठित पुलिस टीम द्वारा तकनीकी विश्लेषण एवं नगर मे लगे सीसीटीव्ही कैमरे के माध्यम से अज्ञात आरोपीगणो की पहचान स्थापित की गई एवं दिनांक 04.03.2025 को मुखबीर की सूचना के आधार पर बजरंगकुटी के पास से अज्ञात आरोपीगणो को हिरासत मे लिया गया। जिनसे पूछताछ करने पर आरोपियों द्वारा अपराध स्वीकार किया गया एवं घटना मे प्रयुक्त रिमोर्ट कन्ट्रोल, चिप, आयरन सोल्डर मशीन, अनाज खरीदने- बेचने की पर्चिया, 17 क्वंटल सोयाबीन, मोबाईल फोन, पंच कार क्रमांक MP 09 ZV 1098, लोडिंग पिकअप क्रमांक MP 41 LA 2513 आरोपीगण के कब्जे से जप्त किया गया। आरोपियो को गिरफ्तार कर माननीय न्यायालय पेश किया गया। प्रकरण मे अन्य आरोपियो को भी चिन्हित किया गया है। जिनके विरूद्द भी जल्द ही वैधानिक कार्यवाही की जावेगी। 


आरोपिगणो द्वारा कृषि उपज मण्डी भैरूंदा में स्थापित बडे इलेक्ट्रानिक तौल कांटे में योजनाबद्ध तरीके से आरएफ चिप लगाई थी। चिप लगाने के पश्चात आरोपीगण किसानो से अनाज की बोली लगने के बाद किसान को बोली से अधिक दाम देने का लालच देकर अनाज खरीदते थे एवं तौल के दौरान रिमोट कन्ट्रोल की मदद से वजन को कम कर देते थे। खरीदे हुए अनाज को किराये से लिए गए गोडाउन मे रखते थे एवं अपनी पिकअप गाडी से भरकर मण्डी में तुलवाने के दौरान पुनः वजन बढाकर अवैध लाभ प्राप्त करते थे।    
 
1. आरोपी यौगेन्द्र चौहान पिता सतपाल चौहान उम्र 24 साल निवासी पाटीदार कालोनी शुजालपुर मण्डी जिला शाजापुर                
2.आरोपी रंजित पिता कमल सिह राजपूत उम्र 29 साल निवासी पाटीदार कालोनी शुजालपुर मण्डी जिला शाजापुर
3.आरोपी राजेन्द्र चौहान पिता सतपाल चौहान उम्र 21 साल निवासी पाटीदार कालोनी शुजालपुर मण्डी जिला शाजापुर
4.आरोपी सूरज सौलंकी पिता बब्लु सौलंकी उम्र 24 साल निवासी सावेर रोड धरमपुरी इंदौर
5.आरोपी किशोर माली पिता लक्ष्मी नारायण माली उम्र 35 साल निवासी सावेर रोड धरमपुरी इंदौर

रिमोर्ट कन्ट्रोल, चिप, आयरन सोल्डर मशीन, अनाज खरीदने- बेचने की पर्चिया, मोबाईल फोन, 17 क्वंटल सोयाबीन कीमती करीबन 80,000, पंच कार क्रमांक MP 09 ZV 1098 कीमती करीबन 06 लाख, लोडिंग पिकअप क्रमांक MP 41 LA 2513 कीमती करीबन 10 लाख कुल मशरूका कीमती करीबन 17 लाख रूपये का मशरूका जप्त किया गया। 

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 वरिष्ठ अधिवक्ता राजेश सेठी को सेंट्रल नोटरी के रूप में नियुक्त किया गया है।।

सीहोर।।

सीहोर नसरुल्लागंज, - वरिष्ठ अधिवक्ता राजेश सेठी को सेंट्रल नोटरी के रूप में नियुक्त किया गया है, कई वर्षों से कानूनी प्रैक्टिस कर रहे श्री सेठी अपनी विशेषज्ञता और ईमानदारी के लिए जाने जाते हैं।

सेंट्रल नोटरी के रूप में, श्री सेठी अब दस्तावेजों को प्रमाणित करने, शपथ पत्र बनाने और अन्य कानूनी प्रक्रियाओं को पूरा करने में सक्षम होंगे। उनकी नियुक्ति से क्षेत्रवासियों को कानूनी प्रक्रियाओं में सुविधा होगी। 

स्थानीय समुदाय और अधिवक्ता संघ ने उन्हें शुभकामनाएं दी हैं। कई लोगों ने उन्हें बधाई दी है और उनकी सफलता की कामना की है। श्री सेठी ने कहा कि वे लोगों की सेवा के लिए प्रतिबद्ध हैं और अपनी नई जिम्मेदारी को पूरी ईमानदारी से निभाएंगे।

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देवास में नजूल बकाया राशि न चुकाने पर प्रशासन की कुर्की कार्रवाई

  आमीन मंसूरी...

देवासः देवास जिले में राजस्व वसूली अभियान के तहत प्रशासन ने बड़ी कार्रवाई करते हुए नजूल अंतर्गत बकाया राशि जमा न करने पर कुर्की की कार्यवाही की है।

नगर तहसीलदार के मुताबिक आर्य समाज के अध्यक्ष के नाम से जारी पूर्व लीज पर संचालित दुकानों पर ₹38,74,185 की बकाया राशि थी, जिसे लगातार नोटिस जारी करने के बावजूद जमा नहीं किया गया। निर्धारित समय सीमा में भुगतान न होने पर प्रशासन ने सख्त कदम उठाते हुए इन दुकानों को कुर्क करने कि कार्रवाई की।
इस कार्रवाई में तहसीलदार सपना शर्मा, नायब तहसीलदार कपिल गुर्जर, नजूल राजस्व निरीक्षक धन्नालाल अंसल, सहायक वर्ग-2 विक्रम मालवीय, थाना कोतवाली पुलिस बल एवं चौकीदार सहित अन्य अधिकारी व कर्मचारी उपस्थित रहे।
प्रशासन ने स्पष्ट किया है कि भविष्य में भी बकाया राशि न जमा करने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई जारी रहेगी।

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देवास आबकारी विभाग की कार्रवाई या महज फोटोबाजी वायरल तस्वीर पर आम जनता के मन मे उठे सवाल

देवास। सोशल मीडिया पर एक तस्वीर तेजी से वायरल हो रही है, जिसमें आबकारी विभाग के कुछ अधिकारी कुछ शराब की बोतलों के साथ खड़े दिखाई दे रहे हैं। तस्वीर पर लिखा गया कैप्शन इस पूरी कार्रवाई पर तंज कसता हुआ प्रतीत हो रहा है— "देवास के आबकारी विभाग की फोटेबाजी, बोतल गिनों…

इस तस्वीर को लेकर लोगों के बीच मिली-जुली प्रतिक्रियाएँ आ रही हैं। कुछ लोग इसे विभाग की सतर्कता और कार्रवाई के रूप में देख रहे हैं, तो कई लोग इसे मात्र दिखावे की कार्यवाही मान रहे हैं।

क्या यह बड़ी कार्रवाई है या दिखावा

तस्वीर में नजर आ रही जब्त शराब की मात्रा बेहद कम है, जो लोगों के मन में यह सवाल खड़ा कर रही है कि क्या यह वास्तविक रूप से शराब माफियाओं के खिलाफ ठोस कार्रवाई है, या सिर्फ फोटो खिंचवाने के लिए किया गया एक दिखावटी प्रयास

वायरल पोस्ट पर कई लोग कमेंट कर रहे हैं

इतनी कम बोतलों के साथ फोटोशूट? यह तो दिखावा लग रहा है

अगर सच में शराब माफियाओं के खिलाफ सख्त कार्रवाई होती, तो बड़ी मात्रा में जब्ती दिखती।

 आबकारी विभाग को अवैध शराब के बड़े गिरोहों पर भी कार्रवाई करनी चाहिए, न कि सिर्फ छोटी-मोटी जब्ती दिखाकर वाहवाही लूटनी चाहिए।"


शराब माफिया पर लगाम जरूरी

देवास सहित पूरे प्रदेश में अवैध शराब का धंधा एक गंभीर समस्या बनी हुई है। आए दिन अवैध शराब की तस्करी और बिक्री के मामले सामने आते रहते हैं। ऐसे में लोगों का यह मानना है कि अगर प्रशासन को शराब माफियाओं पर नकेल कसनी है, तो सिर्फ छोटी कार्रवाई नहीं, बल्कि जड़ से उखाड़ने वाली रणनीति बनानी होगी।
इस तस्वीर के वायरल होने के बाद प्रशासन की ओर से अभी तक कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है। लेकिन इस तरह की तस्वीरें यह सवाल खड़ा कर रही हैं कि क्या वास्तव में अवैध शराब के खिलाफ प्रभावी कार्रवाई हो रही है, या फिर यह महज दिखावे तक ही सीमित है?

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खातेगांव पुलिस की बड़ी कार्रवाई ध्वनि प्रदूषण फैलाने वाले वाहन चालकों पर कसा शिकंजा

आमीन मंसूरी

खातेगांव। जिले में ध्वनि प्रदूषण को रोकने के लिए पुलिस द्वारा सख्त अभियान चलाया जा रहा है। पुलिस अधीक्षक पुनीत गहलोद के निर्देश पर जिलेभर में फटाका साइलेंसर लगाने वाले वाहन चालकों के खिलाफ कार्रवाई करने के निर्देश दिए गए थे। इसी के तहत अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक (ग्रामीण) हरनारायण बाथम के मार्गदर्शन और अनुविभागीय अधिकारी (पुलिस) आदित्य तिवारी के निर्देशन में थाना प्रभारी विक्रांत झांझोट के नेतृत्व में विशेष पुलिस टीम गठित कर कार्रवाई की गई।

तेज आवाज वाले मॉडिफाइड साइलेंसर पर पुलिस की सख्ती

 पुलिस टीम द्वारा विशेष वाहन चेकिंग अभियान चलाया गया, जिसमें तीन बुलेट मोटरसाइकिल पकड़ी गईं। इन बाइकों में मॉडिफाइड साइलेंसर लगे हुए थे, जो पटाखे जैसी तेज आवाज कर रहे थे और ध्वनि प्रदूषण फैला रहे थे।

जब्त किए गए वाहन

1. बुलेट नंबर MP41NE6319


2. बुलेट नंबर MP41NE2798


3. एक बिना रजिस्ट्रेशन नंबर की बुलेट

पुलिस ने मौके पर ही इन बुलेट मोटरसाइकिलों के मॉडिफाइड साइलेंसर जब्त कर दिए और वाहन चालकों के खिलाफ कड़ी कानूनी कार्रवाई की गई।

कानूनी धाराओं के तहत मामला दर्ज

पकड़े गए वाहन चालकों के खिलाफ मोटर व्हीकल एक्ट की विभिन्न धाराओं में मामला दर्ज कर माननीय जेएमएफसी न्यायालय, खातेगांव में प्रस्तुत किया गया।

पुलिस की चेतावनी नियम तोड़ने वालों पर होगी कड़ी कार्रवाई

थाना प्रभारी विक्रांत झांझोट ने साफ शब्दों में कहा कि मॉडिफाइड साइलेंसर का उपयोग कर तेज आवाज करने वालों पर अब सख्त कार्रवाई की जाएगी।
उन्होंने नागरिकों से अपील की कि वे यातायात नियमों का पालन करें और ध्वनि प्रदूषण न फैलाएं।

ध्वनि प्रदूषण से हो रहे नुकसान

बीमारियों का खतरा – अत्यधिक ध्वनि प्रदूषण से हृदय रोग, हाई ब्लड प्रेशर और मानसिक तनाव बढ़ सकता है

बच्चों और बुजुर्गों पर प्रभाव – तेज आवाज से छोटे बच्चे और बुजुर्गों को परेशानी होती है

पशु-पक्षियों पर असर – शोर के कारण पक्षी घोंसले छोड़कर उड़ जाते हैं और कई बार दुर्घटनाएं भी हो जाती हैं

नियम तोड़ने वालों के लिए सख्त संदेश

पुलिस ने स्पष्ट कर दिया है कि आगे भी ध्वनि प्रदूषण फैलाने वाले वाहन चालकों के खिलाफ लगातार अभियान जारी रहेगा। जो भी यातायात नियमों का उल्लंघन करेगा, उस पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी।

 प्रशासन के इस सख्त कदम से आम जनता को राहत मिलेगी और पर्यावरण संरक्षण में भी मदद मिलेगी।

 अगर आप भी किसी वाहन चालक को तेज आवाज करने वाले मॉडिफाइड साइलेंसर के साथ देखते हैं, तो तुरंत पुलिस को सूचना दें।

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लोकायुक्त और EOW की बड़ी कार्रवाई सिवनी और हरदा में रिश्वतखोर अधिकारी रंगे हाथ गिरफ्तार

आमीन मंसूरी ब्यूरो मध्यप्रदेश 

सिवनी/हरदा। सरकारी विभागों में फैले भ्रष्टाचार के खिलाफ लोकायुक्त और आर्थिक अपराध शाखा (EOW) की टीमों ने दो अलग-अलग मामलों में तगड़ी कार्रवाई की है। खाद्य आपूर्ति विभाग और आरटीओ कार्यालय में रिश्वतखोरी करते हुए दो अधिकारियों को रंगे हाथ पकड़ा गया है। इन घटनाओं ने प्रशासनिक महकमे में हड़कंप मचा दिया है और भ्रष्ट अधिकारियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग तेज हो गई है।

सिवनी खाद्य आपूर्ति विभाग की अधिकारी रिश्वत लेते गिरफ्तार

सिवनी में जबलपुर लोकायुक्त की टीम ने खाद्य आपूर्ति विभाग की कनिष्ठ आपूर्ति अधिकारी ज्योति पटले को रिश्वत लेते हुए रंगे हाथ गिरफ्तार किया।

क्या है मामला
कारीरात गांव के निवासी संत कुमार कनोजिया की पत्नी सीमा एक आदर्श स्व-सहायता समूह चलाती हैं, जो धान खरीदी केंद्र का संचालन भी करता है। साथ ही उनकी राशन दुकान भी है। इस दुकान के निरीक्षण के दौरान कनिष्ठ आपूर्ति अधिकारी ज्योति पटले ने रिकॉर्ड सुधारने और धान खरीदी में अनियमितताओं को नजरअंदाज करने के बदले में ₹40,000 की रिश्वत की मांग की थी।

लोकायुक्त ने कैसे पकड़ा

शिकायत मिलने के बाद लोकायुक्त जबलपुर की टीम ने रणनीति बनाकर जाल बिछाया। टीम ने आवेदक से तय राशि का एक हिस्सा देने को कहा और जैसे ही सेल्समैन कैलाश सनोडिया ने अधिकारी के कहने पर पैसे हाथ में लिए, लोकायुक्त ने दोनों को रंगे हाथ पकड़ लिया।

लोकायुक्त डीएसपी दिलीप झरबड़े के अनुसार यह कार्रवाई जिला आपूर्ति अधिकारी कार्यालय, सिवनी में की गई।

हरदा बस मामले मे RTO बाबू गिरफ्तार

हरदा जिले में आरटीओ कार्यालय में तैनात बाबू सज्जन सिंह घसोरिया को ₹20,000 की रिश्वत लेते हुए आर्थिक अपराध शाखा (EOW) की टीम ने गिरफ्तार किया है।

कैसे पकड़ा गया बाबू

भोपाल निवासी सुरेंद्र तनवानी की बस को हरदा में प्रदीप राठौर संचालित कर रहे थे। बस 15 साल से अधिक पुरानी हो चुकी थी इसी मामले मे आरटीओ कार्यालय में तैनात बाबू सज्जन सिंह घसोरिया ने इसके लिए ₹50,000 की रिश्वत मांगी।

आवेदकों ने इसकी शिकायत ईओडब्ल्यू से की, जिसके बाद 15 सदस्यीय टीम ने छापेमारी कर बाबू को रिश्वत लेते हुए पकड़ लिया। इसके अलावा, उसके पास से ₹1 लाख नकद भी बरामद किए गए, जिनकी जांच की जा रही है।

EOW के डीएसपी डीके सिंह ने मुताबिक आरोपी से पूछताछ जारी है और यह भी जांच की जा रही है कि रिश्वत के अलावा अन्य अवैध कमाई का कोई और मामला तो नहीं है।
भ्रष्टाचार के खिलाफ जनता की आवाज़

इन दोनों मामलों में लोकायुक्त और EOW की कार्रवाई से स्पष्ट है कि प्रशासन में बैठे कुछ अधिकारी किस तरह से सत्ता का दुरुपयोग कर रहे हैं और आम जनता को शोषण का शिकार बना रहे हैं।

 भ्रष्टाचार के खिलाफ त्वरित और सख्त कार्रवाई की जानी चाहिए।अधिकारियों पर कड़ी कानूनी सजा सुनिश्चित होनी चाहिए ताकि अन्य सरकारी कर्मचारी रिश्वतखोरी से बचें।
 आम जनता को भी ऐसे मामलों में जागरूक होकर लोकायुक्त और EOW से शिकायत करनी चाहिए।

सरकार को चाहिए कि इन मामलों में दोषियों को तत्काल बर्खास्त कर जेल भेजा जाए, ताकि भविष्य में कोई भी सरकारी अधिकारी अपनी कुर्सी का दुरुपयोग करने की हिम्मत न करे। इन कार्रवाइयों से एक कड़ा संदेश जाएगा कि अब भ्रष्टाचार को किसी भी कीमत पर बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।

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खबर का असर: 12 में से 8 छात्रों को मिले एडमिट कार्ड, लेकिन न्याय अभी अधूरा!

खातेगांव – न्यू लिटिल फ्लावर  स्कूल की लापरवाही के कारण 10वीं बोर्ड परीक्षा से वंचित हुए 12 छात्रों के भविष्य पर मंडराए संकट के बादल कुछ हद तक छंटते नजर आ रहे हैं। मीडिया और सामाजिक संगठनों द्वारा उठाई गई आवाज़ के बाद प्रशासन ने हरकत में आते हुए 12 में से 8 छात्रों को एडमिट कार्ड जारी करवा दिए। हालांकि, अब भी 4 छात्र परीक्षा से वंचित हैं, जिनका भविष्य अधर में लटका हुआ है।

मीडिया रिपोर्ट्स और राजनैतिक हस्तक्षैप के चलते शिक्षा विभाग और जिला प्रशासन पर कार्यवाही करने का दबाव बढ़ा।

छात्रों के अभिभावकों ने लगातार प्रशासन से अपील की और स्कूल प्रबंधन की लापरवाही को उजागर किया।

खबर के असर से प्रशासन को मजबूर होकर कार्रवाई करनी पड़ी, जिसके बाद 8 छात्रों के एडमिट कार्ड जारी हुए।


लेकिन क्या यह पर्याप्त है?

8 छात्रों को एडमिट कार्ड मिलना राहत की बात है, लेकिन 4 छात्रों को अब भी न्याय नहीं मिला।

सवाल उठता है कि जब 8 छात्रों को एडमिट कार्ड दिए जा सकते हैं, तो बाकी 4 को क्यों नहीं?

 जानकारो कि माने तो बचे हुए 4 छात्रों को तुरंत एडमिट कार्ड देना चाहिए या परीक्षा में बैठने की अनुमति देना चाहिए 
न्यू लिटिल फ्लाँवर स्कूल की मान्यता रद्द की जाना चाहिए , ताकि भविष्य में कोई और छात्र इस लापरवाही का शिकार न हो।
स्कूल संचालक पर कानूनी कार्रवाई हो, ताकि शिक्षा को व्यापार बना चुके लोगों को सबक मिले।
राज्य शिक्षा विभाग को इस मामले में हस्तक्षेप कर विशेष परीक्षा की व्यवस्था करनी चाहिए, ताकि प्रभावित छात्रों का साल बर्बाद न हो।
अब देखना यह होगा कि बचे हुए 4 छात्रों के लिए प्रशासन क्या कदम उठाता है और क्या उनके लिए भी न्याय की राह खुलेगी या फिर यह मामला आधे-अधूरे समाधान के साथ ही शांत कर दिया जाएगा?

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खातेगांव के 12 मासूम बच्चों के भविष्य से खिलवाड़

स्कूल प्रबंधन की लापरवाही पर प्रशासन खामोश, कब होगी कड़ी कार्रवाई?

खातेगांव : शिक्षा के मंदिर में बच्चों के भविष्य के साथ खिलवाड़ का यह मामला पूरे प्रशासनिक तंत्र की उदासीनता को उजागर करता है खातेगांव के न्यू लिटिल फ्लावर हाई स्कूल की घोर लापरवाही के चलते 12 छात्रों की दसवीं बोर्ड परीक्षा छूट गई।
यह केवल एक प्रशासनिक चूक नहीं,बल्कि बच्चों के जीवन से जुड़ा हुआ गंभीर मामला है।घटना के करीब तीन दिन हो चुके हैं,लेकिन जिला प्रशासन और शिक्षा विभाग अभी भी गहरी नींद में हैं छात्र छात्राए जिन्होंने पूरे वर्ष मेहनत से पढ़ाई की थी,परीक्षा से कुछ घंटे पहले तक अपने एडमिट कार्ड का इंतजार करते रहे,लेकिन स्कूल प्रबंधन की गैर-जिम्मेदाराना हरकत के कारण वे परीक्षा में बैठने से
 वंचित रह गए। इस घोर लापरवाही के बावजूद न तो स्कूल की मान्यता रद्द की गई और न ही संचालक के खिलाफ सख्त कानूनी कार्रवाई हुई। प्रशासन की यह निष्क्रियता यह साबित करती है कि शिक्षा व्यवस्था में गड़बड़ी को लेकर कोई जवाबदेही तय नहीं की जा रही है। बच्चों और उनके अभिभावकों की पीड़ा को नजर अंदाज कर देना सरकार और शिक्षा विभाग की घोर विफलता का परिचायक है। यदि प्रशासन और शिक्षा विभाग समय रहते हरकत में आता तो बच्चों का साल बर्बाद नहीं होता। लेकिन दुर्भाग्यवश, यहां शिक्षा को व्यापार बना दिया गया है, और ऐसे गैर-जिम्मेदार स्कूलों की मनमानी लगातार जारी है। अब सवाल यह उठता है पिछले वर्ष भी इसी स्कूल में इसी प्रकार की लापरवाही हुई थी, जिसके कारण कई छात्र परीक्षा नहीं दे सके थे और उनका पूरा साल बर्बाद हो गया था। बावजूद इसके, प्रशासन ने कोई कड़ी कार्रवाई नहीं की, जिसके चलते इस वर्ष फिर वही गलती 
दोहराई गई। जो बच्चों पिछले साल भी परिक्षा से थे वंचित वह इस बार भी रहे परिक्षा देने वंचित.जब पिछले साल भी ऐसा हुआ था, तो प्रशासन ने स्कूल पर पहले ही कड़ी कार्रवाई क्यों नहीं की। छात्रों के भविष्य को देखते हुए क्या शिक्षा विभाग विशेष परीक्षा आयोजित करेगा.? क्या संचालक के खिलाफ आपराधिक मुकदमा दर्ज होगा, या फिर यह मामला भी ठंडे बस्ते में चला जाएगा?. स्कूल की मान्यता तत्काल रद्द होनी चाहिए –ऐसे गैर-जिम्मेदार संस्थानों को शिक्षा देने का कोई हक नहीं है। संचालक और स्कूल प्रशासन पर कानूनी कार्रवाई हो एवं धोखाधड़ी और शैक्षिक लापरवाही के आधार पर संचालक पर FIR दर्ज होनी
 चाहिए..शिक्षा विभाग और प्रशासन की जवाबदेही तय होना चाहीए.. संबंधित अधिकारियों पर कड़ी अनुशासनात्मक कार्रवाई होना चाहिए ,ताकि भविष्य में ऐसी घटनाएं न हों। प्रशासन की निष्क्रियता इस बात की ओर इशारा करती है कि कहीं न कहीं राजनीतिक दबाव भी इस मामले में काम कर रहा है। सवाल उठता है कि अगर किसी नेता या बड़े अधिकारी के बच्चे होते, तो क्या प्रशासन इतना सुस्त रवैया अपनाता? जनता कब तक चुप रहेगी?..यह समय चुप रहने का नहीं है। यदि प्रशासन निष्क्रिय है, तो जनता को आवाज उठानी होगी। अभिभावकों और सामाजिक संगठनों को इस अन्याय के खिलाफ आवाज उठानी चाहिए ताकी सरकार और शिक्षा विभाग बच्चो के भविष्य के लिए तत्काल कोई ठोस कदम उठाएं
अब भी अगर कार्रवाई नहीं हुई,तो यह केवल 12 बच्चों का मामला नहीं रहेगा,बल्कि यह हमारे पूरे शिक्षा तंत्र के पतन का प्रतीक बन जाएगा। अब देखना यह होगा कि प्रशासन इस मामले में कितना सक्रिय रहता है और क्या इन छात्रों को न्याय मिल पाएगा। या पिछले साल कि तरह इस साल भी मामला रफा दफा कर दिया जाएगा

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