पुलिस लाइन सीहोर में शासकीय वाहनों से निकले कंडम टायर ट्यूब एवं अनुपयोगी पार्ट्स की हुई नीलामी।।
सीहोर: 17 मई 2025
दिनांक 17 मई 2025 को पुलिस लाइन सीहोर में कंडम और अनुपयोगी सामान की नीलामी सफलतापूर्वक सम्पन्न हुई।
इस नीलामी में पुलिस अधीक्षक सीहोर श्री दीपक शुक्ला की उपस्थिति में कंडम टायर ट्यूब, वाहन मरम्मत का लोहा और एल्युमिनियम पार्ट्स नीलाम किए गए।नीलामी की मुख्य बातें:
1. नीलामी में भाग लेने वाले: 44 लोग नीलामी प्रक्रिया में शामिल हुए।
2. नीलाम की गई सामग्री:
856 किलोग्राम लोहा
13 किलोग्राम एल्युमिनियम
313 नग कंडम टायर ट्यूब3. शासन को प्राप्त राशि: नीलामी से शासन को 1,37,000 रुपये की राशि प्राप्त हुई।
नीलामी प्रक्रिया की विशेषताएं:
1. पुलिस अधीक्षक सीहोर श्री दीपक शुक्ला की उपस्थिति में नीलामी प्रक्रिया सम्पन्न हुई।
2. नीलामी प्रक्रिया पारदर्शी और निष्पक्ष तरीके से सम्पन्न हुई।नीलामी के लाभ:
1. शासन को राजस्व की प्राप्ति हुई।
2. अनुपयोगी सामग्री का उचित उपयोग हुआ।
3. नीलामी प्रक्रिया से पुलिस विभाग को भी लाभ हुआ।
जिले में पदस्थ सभी राजपत्रित(पुलिस) अधिकारी एवं थाना प्रभारियों की मासिक अपराध समीक्षा बैठक का वर्चुअल आयोजन, पुलिस अधीक्षक ने दिये निर्देश
सीहोर: 16 मई 2025
पुलिस अधीक्षक सीहोर श्री दीपक कुमार शुक्ला ने 16 मई 2025 को जिले के सभी राजपत्रित अधिकारी पुलिस और थाना प्रभारियों की अपराध समीक्षा बैठक का वर्चुअल आयोजन किया । इस बैठक में तकनीकी आधारित बिंदुओं पर चर्चा की गई और कई महत्वपूर्ण निर्देश दिए गए ।
उक्त बैठक में सर्वप्रथम अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक सीहोर श्रीमती सुनीता रावत ने पुलिस अधीक्षक कार्यालय की सभी शाखाओं के द्वारा उठाए गए बिंदुओं से अवगत कराया तथा 173(8) जाफौं/193(9) बीएनएसए, खात्मा, खारजी, पैरोल, शिकायत, सीएम हेल्पलाइन आदि विषयों पर चर्चा की गई ।बैठक के मुख्य बिंदु:-
1. तकनीकी आधारित बिंदुओं पर चर्चा:-इलेक्ट्रानिक माध्यम से चार्जशीट प्रस्तुत करना, एफएसएल रिपोर्ट की इलेक्ट्रानिक उपलब्धता, एमएलसी रिपोर्ट इलेक्ट्रानिक माध्यम से भेजना, संमंस की तामीली डिजिटल माध्यम से करना, ई-साक्ष्य का उपयोग करना, जमानत याचिका हेतु केस डायरियॉ इलेक्ट्रानिक रूप से भेजना आदि पर चर्चा की गई।
2. अपराध समीक्षा:- त्रिवर्षीय अपराध की तुलनात्मक समीक्षा, मायनर एक्ट, प्रतिबंधात्मक कार्यवाही, सम्पत्ति संबंधी अपराधों में बरामदगी आदि पर चर्चा की गई ।
3. निर्देश: पुलिस अधीक्षक ने समस्त राजपत्रित अधिकारी पुलिस को अपने-अपने अनुभाग में प्रतिमाह अपराध समीक्षा बैठक का आयोजन करने के निर्देश दिए।विशेष निर्देश:
1. मादक पदार्थ की गतिविधियों के नियंत्रण हेतु विशेष निगाह रखी जाकर कार्यवाही की जावे।
2. लंबित अपराध, चालान, मर्ग का निराकरण किया जावे।
3. सीएम हेल्पलाइन शिकायतों के निराकरण हेतु विशेष शिकायत निवारण शिविर आयोजित किए जाये।
4. बलात्कार/पास्को एक्ट के लंबित अपराधों का समय सीमा में निराकरण किया जाए।
5. अनुसूचित जाति/जनजाति अत्याचार निवारण अधिनियम के लंबित प्रकरणों का प्राथमिकता पर निराकरण किया जाए ।
6. धारा 173(8) जाफो / धारा 193(9) बीएनएस के लंबित प्रकरणों का वैधानिक निराकरण किया जाए ।अभियान -
➡️माह मई में गुम नाबालिक बालिकाओं की पतारसी हेतु चलाये जा रहे अभियान में गुम नाबालिक बालिकाओं की तलाश के हरसंभव प्रयास किये जावे । ➡️ यातायात अभियान के दौरान विशेषकर स्कूल की बसों की चैकिंग की जाये एवं कमी पाई जाने पर सभी थाना कार्यवाही करें ।बैठक में उपस्थित:
1. अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक सीहोर श्रीमती सुनीता रावत
2. समस्त एसडीओपीगण एवं डीएसपी अजाक सीहोर
3. नगर पुलिस अधीक्षक सीहोर
4. थाना प्रभारीगण
5. प्रभारी यातायात सीहोर
6. जिला विशेष शाखा
7. पुलिस अधिकारी कार्यालय की सभी संबंधित शाखा के प्रभारीगण
भैरूंदा जनपद के पिपलानी में 10 मई को आयोजित होगा सामूहिक विवाह समारोह
सामूहिक विवाह समारोह में मुख्यमंत्री एवं केंद्रीय कृषि मंत्री का शामिल होना प्रस्तावित
सीहोर, 07 मई, 2025
प्रदेश सरकार द्वारा बेटियों के विवाह के लिए परिवारों को सहायता देने वाली मुख्यमंत्री कन्या विवाह एवं निकाह योजना के तहत भैरूंदा जनपद के ग्राम पिपलानी में 10 मई को सामूहिक विवाह समारोह आयोजित होने जा रहा है। पिपलानी में होने वाले इस सामूहिक विवाह समारोह में मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव एवं केंद्रीय कृषि मंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान का शामिल होना प्रस्तावित है।
कलेक्टर श्री बालागुरू के., एसपी श्री दीपक कुमार शुक्ला एवं जिला पंचायत सीईओ डॉ नेहा जैन ने पिपलानी में कार्यक्रम स्थल पर अधिकारियों के साथ बैठक आयोजित कर इस सामूहिक विवाह समारोह के सफल आयोजन के संबंध में चर्चा की और आवश्यक दिशा निर्देश दिए। कलेक्टर श्री बालागुरू के. ने सभी संबंधित अधिकारियों को समय से पहले सभी व्यवस्थाएं सुनिश्चित करने के निर्देश दिए। उन्होंने कार्यक्रम स्थल पर आगमन, निर्गमन, पेयजल, बैरिकेडिंग, पार्किंग, यातायात, भोजन, वर-वधु तथा उनके परिजनों के लिए बैठक व्यवस्था सहित सभी आवश्यक व्यवस्थाएं सुनिश्चित करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि सभी अधिकारी-कर्मचारी सौंपे गए दायित्वों का पूरी गंभीरता से निर्वहन करें।
कलेक्टर-एसपी तथा जिला पंचायत सीईओ ने कार्यक्रम स्थल का किया निरीक्षण
कलेक्टर श्री बालागुरू के., एसपी श्री दीपक कुमार शुक्ला तथा जिला पंचायत सीईओ डॉ नेहा जैन सहित उपस्थित अधिकारियों एवं जनप्रतिनिधियों ने कार्यक्रम स्थल का निरीक्षण किया। कलेक्टर श्री बालागुरू के. ने कार्यक्रम के लिए की जा रही तैयारियों का अवलोकन किया और सभी तैयारियों को समय से पहले पूरा कराने के संबंधित अधिकारियों को निर्देश दिए। एसपी श्री दीपक कुमार शुक्ला ने पुलिस अधिकारियों को कार्यक्रम के दौरान सुरक्षा तथा यातायात व्यवस्था के संबंध में निर्देश दिए। निरीक्षण के दौरान एसडीएम श्री मदन सिंह रघुवंशी सहित अन्य अधिकारी एवं स्थानीय जनप्रतिनिधि उपस्थित थे।पिपलानी और आसपास के गावों में उत्सव का वातावरण
पिपलानी और आसपास के अनेक गांवों में बड़ी संख्या में बेटियों का विवाह होने के कारण गांवों में उत्सव का वातावरण हैं। पिपलानी गांव के अनेक निवासियों ने कहा कि मुख्यमंत्री कन्या विवाह योजना के तहत सामूहिक विवाह समारोह को लेकर हम बहुत उत्साहित है और विवाह समारोह में हम बेटियों की धूमधाम से शादी कर पाएंगे। मुख्यमंत्री कन्या विवाह योजना के तहत आयोजित सामूहिक विवाह समारोह के पहले ही वर-वधु के घरों पर परपंरागत सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित किए जा रहे है। ग्रामवासियों ने कहा कि मुख्यमंत्री कन्या विवाह, निकाह योजना प्रदेश सरकार की अनूठी योजनाओं में से एक है। इस योजना के तहत प्रदेश की बेटियों की शादी धूमधाम से सम्पन्न कराई जा रही है। मुख्यमंत्री कन्या विवाह योजना के तहत शादी करने से हमारी बेटियों का विवाह अच्छे से खुशी-खुशी हो रहा है। मुख्यमंत्री कन्या विवाह योजना के तहत बेटी का विवाह करने से बेटियों के माता-पिता अपनी बेटी की शादी में कर्ज लेने की चिंता से भी मुक्त हुए है।
वन माफिया के आगे नतमस्तक तंत्र? जब्त वाहन छुड़ाने की तैयारी में जुटा माफिया-सूत्र
बुदनी
बुदनी – बुदनी वन परिक्षेत्र में हाल ही में जब्त की गई सागौन से भरी पिकअप वाहन और उसके साथ पकड़े गए दो आरोपियों की कार्रवाई ने एक बार फिर वन विभाग की कार्यप्रणाली पर सवाल खड़े कर दिए हैं। विश्वसनीय सूत्रों के अनुसार, यह वाहन क्षेत्र में सक्रिय एक कुख्यात वन माफिया से जुड़ा है, और अब इसे छुड़ाने की कवायद में विभाग के ही कुछ अधिकारी लगे हुए हैं-सूत्र
यह कार्रवाई मुख्यबीर की सटीक सूचना पर उपवन मंडल अधिकारी सुक्रति ओसवाल के निर्देशन में रेंजर प्रकाश चंद्र उइके के नेतृत्व में की गई थी। वाहन में 27 नग सागौन की सिल्लियां भरी थीं, जिसे तुरंत जब्त कर लिया गया। लेकिन हैरानी की बात यह है कि रेंजर को यह जानकारी नहीं थी कि पकड़ा गया वाहन उनके एक 'घनिष्ठ' माफिया से जुड़ा हुआ है।
जानकारी के मुताबिक, इस प्रकरण का मास्टरमाइंड भैरूदां क्षेत्र का एक कुख्यात वन माफिया है, जिसने हाल ही में नर्मदापुरम में पकड़े गए कुछ लोगों के बाद सोटिया गांव के गोडाऊन के पास एक खेत में भारी मात्रा में सागौन की सिल्लियां जला दी थीं। इसके बावजूद जिम्मेदार अधिकारियों ने उस पर कोई कार्रवाई करना उचित नहीं समझा।
स्थानीय लोग यह सवाल उठा रहे हैं कि आखिर ऐसा क्या कारण है कि इस वन माफिया पर कभी कोई ठोस कार्रवाई नहीं होती? सूत्रों की मानें तो रेंजर और माफिया के बीच मजबूत संबंध हैं, जिसके चलते विभाग की कार्रवाई पहले माफिया तक पहुंच जाती है। इससे स्पष्ट है कि निष्पक्ष जांच की संभावना लगभग नगण्य है।आखिर रेंजर प्रकाश चंद्र उइक और भैरूदां के नामी वन माफिया कि काल डिटेल्स सीडीआर कि जांच क्यू नही कराई जा रही बरिष्ठ अधिकारी क्यू इस और ध्यान नही दे रहे है या फिर देना ही नही चाहते है। क्या जांच मे रेजंर के कारनामो का खुलासे से पूरा विभाग डर रहा। जनता कि मांग है यादि बार बार इस तरह के आरोप लग रहे है तो जांच होना चाहिए।
वन माफिया का दावा है कि सीहोर जिले में उसके अवैध धंधों पर कोई हाथ नहीं डाल सकता, क्योंकि "नीचे से ऊपर तक" पूरा तंत्र उसके इशारों पर काम करता है। यदि यह बात सही है, तो यह कहना गलत नहीं होगा कि "सैंया भए कोतवाल, तो डर काहे का।"
अब देखना यह है कि क्या विभाग इस बार इस माफिया पर कोई ठोस कार्रवाई करता है या फिर एक बार फिर सियासत और सेटिंग के आगे कानून घुटने टेक देता है।
हाई एवं हायर सेकेंडरी स्कूल का परीक्षा परिणाम घोषित
हाई स्कूल परीक्षा परिणाम में सीहोर जिला 85.54 प्रतिशत के साथ प्रदेश में सातवें स्थान पर रहा
हायर सेकेंडरी स्कूल परीक्षा परिणाम में सीहोर जिला 82.92 प्रतिशत के साथ प्रदेश में बारहवें स्थान पर
सीहोर के पार्थ राठौर जीव विज्ञान समूह में प्रदेश की मेरिट सूची में दूसरे स्थान पर
हाई स्कूल तथा हायर सेकेण्डरी परीक्षा में प्रदेश की टॉप टेन सूची में सीहोर जिले के तीन-तीन छात्रों ने बनाई जगह
कलेक्टर ने सभी उर्त्तीण छात्रों को दी बधाई
सीहोर, 06 मई, 2025
मध्यप्रदेश माध्यमिक शिक्षा मण्डल द्वारा आयोजित हाईस्कूल, हायर सेकेण्डरी स्कूल मुख्य परीक्षा 2025 के परीक्षा परिणाम मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने घोषित किए। हाई स्कूल परीक्षा में जिले के 22,306 परीक्षार्थी शामिल हुए और हायर सेकेण्डरी परीक्षा में जिले के 18,285 परीक्षार्थी शामिल हुये। हाई स्कूल परीक्षा में सीहोर जिला 85.54 प्रतिशत के साथ प्रदेश में सातवें स्थान पर रहा। इसी प्रकार हायर सेकेंडरी में 82.92 प्रतिशत के साथ सीहोर जिले ने बारहवॉ स्थान प्राप्त किया है। कलेक्टर श्री बालागुरू के. ने हाई स्कूल तथा हायर सेकेंडरी परीक्षा में उत्तीर्ण हुये जिले के सभी छात्र-छात्राओं को बधाई दी है। उन्होंने परीक्षा में अनुर्तीण रहे छात्रों से कहा है कि वे निराश न हों और पूरी मेहनत के साथ परीक्षा की पुन: तैयारी करें। सफलता निश्चित ही प्राप्त होगी।
हायर सेकेण्डरी परीक्षा में प्रदेश की टॉप टेन में जिले के तीन छात्र
हायर सेकेण्डरी परीक्षा जीव विज्ञान समूह में जिले के तीन छात्रों ने प्रदेश की प्रावीण्य सूची में स्थान प्राप्त किया है। न्यू मोनालिसा स्कूल सीहोर के छात्र पार्थ राठौर ने प्रदेश में दूसरा स्थान प्राप्त किया। पार्थ के पिता श्री रीतेश राठौर शिक्षक हैं तथा माता श्रीमती कल्पना राठौर ग्रहणी हैं। सीएम राईज स्कूल आष्टा के छात्र गोविंद ने प्रदेश की मेरिट लिस्ट में आठवां स्थान तथा सीएम राईज स्कूल आष्टा के ही छात्र नकुल प्रजापति ने भी जीव विज्ञान समूह में दसवां स्थान प्राप्त किया है।
हाई स्कूल परीक्षा में प्रदेश की टॉप टेन में जिले के तीन छात्र
हाई स्कूल परीक्षा में प्रदेश की मेरिट लिस्ट में जिले के तीन छात्र-छात्राओं ने स्थान प्राप्त किया है। दीनदयाल कॉन्वेंट हाई स्कूल सीहोर के छात्र ऋषभ पंवार तथा होली एंजल्स हाई स्कूल आष्टा के छात्रा भूमिका मेवाड़ा ने प्रदेश में सातवॉ स्थान प्राप्त किया है। वहीं होली एंजल्स हाई स्कूल आष्टा के ही छात्र अरहम जैन ने प्रदेश में नौवा स्थान प्राप्त किया है।
रेत माफियाओं के आगे प्रशासन बेबस! खनिज विभाग की कार्रवाई पर ग्रामीणों ने बनाया दबाव, तहसीलदार ने भी हाथ खड़े किए
नसरुल्लागंज में खुलेआम चल रहा अवैध रेत खनन, कार्रवाई करने पहुंची टीम को बैरंग लौटना पड़ा
सीहोर/नसरुल्लागंज: नर्मदा नदी से अवैध रेत खनन के खिलाफ प्रशासन द्वारा कार्रवाई के दावे लगातार किए जाते हैं, लेकिन हकीकत कुछ और ही बयां कर रही है। नसरुल्लागंज तहसील के छिदगांव काछी में खनिज विभाग की टीम जब अवैध रेत खनन पर कार्रवाई करने पहुंची, तो ग्रामीणों और रेत माफियाओं ने मिलकर ऐसा दबाव बनाया कि टीम को वापस लौटना पड़ा।
खनिज विभाग की टीम को देखकर माफिया नदी में चल रही पनडुब्बी मशीन लेकर भाग गए, लेकिन नर्मदा से लगे गावं मे खड़ी एक और पनडुब्बी मशीन खनिज विभाग की नजर में आ गई। टीम ने जब इसे ज़ब्त करने की कार्रवाई शुरू की, तो ग्रामीणों ने विरोध शुरु कर दिया। मामला तूल पकड़ता देख तहसीलदार भी मौके पर पहुंचे, लेकिन उन्होंने भी खनिज अधिकारी की कार्रवाई को गलत ठहराते हुए मशीन को वहीं छोड़ने का निर्देश दिया।
खनिज अधिकारी बनाम तहसीलदार: प्रशासनिक मतभेद उजागर
खनिज अधिकारी खुशबू वर्मा का कहना था कि नर्मदा नदी से लगे गावं खड़ी पनडुब्बी मशीन संदेह के घेरे में है। शासन के स्पष्ट निर्देश हैं कि ऐसी मशीनों को तुरंत ज़ब्त किया जाए, क्योंकि यह अवैध रेत खनन में इस्तेमाल होती हैं। दूसरी ओर, ग्रामीणों का दावा था कि यह मशीन एक निजी खेत में लंबे समय से खड़ी है और इसका रेत खनन से कोई संबंध नहीं है।
स्थिति बिगड़ती देख तहसीलदार मौके पर पहुंचे, लेकिन उन्होंने खनिज विभाग की कार्रवाई को ही गलत ठहराते हुए मशीन को वहीं छोड़ने का आदेश दे दिया। इसके बाद खनिज विभाग की टीम को बैरंग लौटना पड़ा।
वायरल ऑडियो से बड़ा खुलासा
कार्रवाई रोकने के कुछ ही देर बाद सोशल मीडिया पर एक ऑडियो वायरल हुआ, जिसमें कथित रूप से रेत माफिया अपने साथियों से कहते सुने गए कि "हमारी एकजुटता की वजह से खनिज विभाग की टीम को वापस लौटना पड़ा यदि यही एक जुटता रही तो कोई भी अधिकारी हमारा कुछ नही बिगाड़ पाएगा ।" यह ऑडियो प्रशासन की निष्पक्षता पर गंभीर सवाल खड़े करता है।
प्रशासन की कार्यवाही पर उठे सवाल
पनडुब्बी मशीन वहां क्यों थी? – अगर मशीन निष्क्रिय थी, तो फिर वह नदी से लगे गावं मे क्यों खड़ी थी?
खनिज अधिकारी की कार्रवाई सही थी या तहसीलदार का फैसला? – जब शासन के स्पष्ट आदेश हैं कि ऐसी मशीनों को ज़ब्त किया जाए, तो तहसीलदार ने कार्रवाई रोकने का निर्णय क्यों लिया?
क्या राजनीतिक दबाव था? – क्या तहसीलदार को किसी राजनीतिक या बाहरी दबाव के कारण कार्रवाई रोकनी पड़ी?
रेत माफियाओं की ताकत इतनी मजबूत क्यों? – अगर माफिया प्रशासनिक कार्रवाई को रोकने में सक्षम हैं, तो फिर शासन की सख्ती सिर्फ कागजों पर ही सीमित है?
क्या होगी अगली कार्रवाई?इस पूरे मामले ने प्रशासन की कार्यशैली पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। यदि शासन वास्तव में अवैध रेत खनन को रोकने के लिए प्रतिबद्ध है, तो इस घटना की निष्पक्ष जांच होनी चाहिए। वरना, यह साफ हो जाएगा कि रेत माफिया इतने प्रभावशाली हो चुके हैं कि वे प्रशासन को भी अपने हिसाब से काम करवाने में सक्षम हैं।
इस पूरे घटनाक्रम से स्पष्ट होता है कि अवैध रेत खनन का धंधा संगठित तरीके से चल रहा है, जिसमें स्थानीय ग्रामीणों, रेत माफियाओं और प्रशासन के कुछ अधिकारियों की मिलीभगत की संभावना से इनकार नहीं किया जा सकता।
आम जनता के मन मे यह सवाल उठते हैं
1. पनडुब्बी मशीन नर्मदा से लगे गावं मे क्यों खड़ी थी?
यदि पनडुब्बी मशीन रेत निकालने के लिए उपयोग नहीं की जा रही थी, तो फिर वह वहां क्यों मौजूद थी?
क्या वास्तव में यह मशीन निष्क्रिय थी, या इसे सिर्फ कार्रवाई से बचाने के लिए निजी संपत्ति में खड़ा दिखाया गया?
2. खनिज विभाग की कार्रवाई क्यों रोकी गई?यदि खनिज विभाग की कार्रवाई वैधानिक थी, तो तहसीलदार ने उसे रोकने का निर्णय क्यों लिया?
क्या तहसीलदार पर किसी प्रकार का राजनीतिक या बाहरी दबाव था?
3. ग्रामीणों की भूमिका क्या है?क्या ग्रामीण वास्तव में निर्दोष थे, या वे रेत माफियाओं के इशारे पर कार्रवाई रोकने के लिए इकट्ठे हुए?
क्या यह आम नागरिकों की प्रतिक्रिया थी, या माफियाओं द्वारा सुनियोजित भीड़ इकट्ठी की गई थी?
4. प्रशासनिक कार्रवाई पर सवाल:
यदि पनडुब्बी अवैध थी, तो उसे ज़ब्त करने से रोका क्यों गया?
यदि वैध थी, तो खनिज विभाग ने इसे ज़ब्त करने की कार्रवाई क्यों शुरू की?
सोशल मीडिया पर वायरल ऑडियो का वना चर्चा का विषय।
इस पूरे मामले की निष्पक्ष जांच की जाए, ताकि यह स्पष्ट हो कि कौन सही था – खनिज अधिकारी या तहसीलदार?
यदि अधिकारी वैधानिक कार्रवाई कर रहे थे, तो उन्हें राजनीतिक व सामाजिक दबाव से बचाने के लिए सुरक्षा प्रदान की जानी चाहिए।रेत खनन पर सख्त नीति: यदि प्रशासन अवैध खनन के खिलाफ सख्त है, तो उसे सभी स्तरों पर पारदर्शिता बनाए रखनी चाहिए ।
इस घटना ने प्रशासनिक कार्यशैली पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। यदि खनिज विभाग की कार्रवाई सही थी, तो उसे रोकना एक बड़ा प्रशासनिक प्रश्न है। और यदि तहसीलदार की बात सही थी, तो खनिज अधिकारी ने कार्यवाही क्यों की? इस विरोधाभास की जांच आवश्यक होना चाहिए है।
भैरुंदा पुलिस ने वेयरहाउस मे चोरी करने वाले गिरोह को किया गिरफ्तार
वेयरहाउस में चोरी की 05 घटनाओं का किया खुलासा
चोरी किए गए 22 क्विंटल मूंग सहित चोरी करने में उपयोग किया गया पिकअप वाहन कुल कीमत करीबन 10 लाख का मशरूका जप्त
फरियादी धरम सिहं पंवार ने थाने आकर रिपोर्ट किया कि इनके माँ दुर्गा एग्रो वेयर हाउस हाथीघाट में दिनांक 15/02/2025 के सुबह करीबन 09.15 बजे जाकर देखा कि वेयर हाउस के जाली वाले गेट का ताला टुटा हुआ था एवं जांच करने पर कोई अज्ञात चोर दिनांक 14-15/02/2025 की मध्य रात्री मे वेयर हाउस का ताला तोडकर वेयर हाउस मे रखी शासकीय उपज मूँग के 49 कट्टे चोरी कर ले गया है। फरियादी की रिपोर्ट पर थाना भैरुंदा में अपराध क्र 106/25धारा 331(4),305(a) BNS का पंजीबद्ध कर विवेचना में लिया गया।
पुलिस कार्यवाही-सीहोर पुलिस अधीक्षक श्री दीपक कुमार शुक्ला द्वारा अपराध पंजीबद्ध होने के पश्चात मूँग चोरी करने वालो अज्ञात आरोपियो के गिरोह की गिरफ्तारी कर कठोर कार्य़वाही करने के निर्देश दिए गए थे। निर्देशो के पालन में अति.पुलिस अधीक्षक श्री गीतेश गर्ग व एसडीओपी श्री दीपक कपूर के मार्गदर्शन में थाना प्रभारी भैरूंदा घनश्याम दांगी द्वारा एक विशेष टीम गठित की गई थी। गठित पुलिस टीम द्वारा तकनीकी साक्ष्य जुटाए गए एवं घटना स्थल के आसपास एवं आने जाने वाले रास्ते सहित नगर भैरूंदा में लगे सीसीटीवी कैमरे की मदद से गाड़ी की पहचान की गई एवं दिनांक 27.02.2025 को मुखबिर सुचना की सूचना पर चिन्हित की गई पिकअप बोलेरा गाड़ी को तिलाडिया नहर रोड के आगे राला चींच रोड पर सडक किनारे पेड़ के नीचे से मय 06 संदेहियों के घेराबंदी कर पकड़ा गया एवं पूछताछ की गई । पकड़ी गई गाड़ी को चेक किया जिसमें पीछे तिरपाल से ढकी हुई बोरियां मिली। चेक किया तो उसमे मूंग भरा हुआ था। मूंग की बोरियों के संबंध में पूछताछ की गई जो संतोषजनक जवाब नहीं दे पाए। मौके पर मिले सभी 06 संदेहियों अंकुर पिता मंशाराम इवने, रितिक पिता लच्छीराम उईके, संदीप पिता धरम सिहं इवने, रितेश पिता लच्छीराम उईके, विवेक पिता अर्जुन सिहं धुर्व, विजय सिहं पिता मदनलाल तेकाम सर्व निवासीगण ग्राम सतार थाना रेहटी सीहोर से पिकअप में रखी मूंग से भरी बोरियो के संबंध मे तकनीकी एवं मनोवैज्ञानिक तरीके से पूछताछ पर सभी 06 संदेहियों ने हाथीघाट के पास के वेयरहाउस से मूंग की बोरियों चोरी करना स्वीकार किया। आरोपीगणो से चोरी किया गया मश्ररुका 44 बोरियां लगभग 22 क्विंटल मूँग की बोरियां सहित चोरी करने में इस्तेमाल की गई बोलेरा पिकअप क्रमांक MP37ZG0533 कुल कीमती करीबन 10 लाख रुपए का जप्त किया गया।
नोट—आरोपीगणो से विस्तृत पूछताछ में उनके द्वारा थाना रेहटी क्षेत्र में 02 वेयरहाउस से लगभग 200 बोरियां गेहूं, थाना गोपालपुर क्षेत्र के एक वेयरहाउस से लगभग 46 बोरियां गेहूं एवं थाना टिमरनी जिला हरदा के एक वेयरहाउस से लगभग 46 बोरियां मूंग की चोरी करना स्वीकार किया है। गिरफ्तारशुदा आरोपीगण से संबंधित थानों के पुलिस स्टॉफ द्वारा विस्तृत पूछताछ कर अग्रिम वैधानिक कार्यवाही की जा रही है।
सराहनीय योगदानः- उपनिरी लोकेश सोलंकी, प्रआर0 धर्मेन्द्र गुर्जर, प्रआर0 176 दिनेश जाट, आर0 राजीव मोरप्पो, आर0 आशीष बारेला, आर संजय थाना गोपालपुर
विशेष भूमिका –
आर0 आनंद गुर्जर, आर0 दीपक जाटव, साइबर सेल सीहोर की रही हैं।
धार्मिक स्थलों पर लाउडस्पीकर का मामला...
भेरूंदा प्रशासन की कार्यप्रणाली पर उठे सवाल।।
भेरूंदा (नसरुल्लागंज) में प्रशासन की कार्य प्रणाली सवालों के घेरे में है कुछ दिन पहले नसरुल्लागंज प्रशासन ने धार्मिक स्थलों से लाउडस्पीकर को हटाने की कार्यवाही प्रारंभ की थी जिसमें उन्होंने सुप्रीम कोर्ट के आदेश का हवाला देते हुए सभी धार्मिक स्थलों और डीजे बजाने पर प्रतिबंध लगा दिया था कार्यवाही से नाराज होकर मुस्लिम समाज के लोगों ने भेरूंदा एसडीएम से मुलाकात कर अपना विरोध दर्ज कराया था की सुप्रीम कोर्ट का आदेश ध्वनि प्रदूषण को नियंत्रित करने का है ना की लाउडस्पीकरों को उतारने का किंतु प्रशासन लाउडस्पीकरों को उतरने पर आमादा था
जब भेरूंदा एसडीएम से माइक उतारने संबंधी
आदेश की जानकारी मांगी गई तो उन्होंने के पास ऐसा कोई आदेश नहीं था
फिर एसडीएम ने मुस्लिम समाज के लोग को भरोसा दिलाया की किया हम वरिष्ठ अधिकारियों से चर्चा कर इस समस्या का निराकरण बहुत जल्द करेंगे और आज शाम तक ही आप लोगों को अवगत करा देंगे।एसडीएम ने यह भरोसा भी दिलाया कि किसी भी प्रकार का कोई भेदभाव नहीं किया जाएगा
किंतु देखने में आ रहा है कि एक धर्म के धार्मिक धार्मिक स्थलों पर लाउडस्पीकर यथावत चल रहे हैं और दूसरे धर्म के धार्मिक स्थलों पर लाउडस्पीकर पूरी तरह से बंद है इस बात को देखते हुए समाज के लोगों में काफी आक्रोश है कि आखिर एक तरफ तो प्रशासन भेदभावपूर्ण कार्यवाही करने की बात करता है और दूसरी तरफ यह भेदभाव साफ तौर पर नजर आ रहा है।
आपको बता दें कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश मे रहवासी क्षेत्र में 45 से 55 डिसमिल है जो की एक डिसमिल 435.56 होता है।